सुनील उपमन्यु

"वंदनीय है डॉक्टर"
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संकल्पित हो कर्म पथ पर,
अनवरत कर रहे कर्म,
सेवा में ही मिले सुख,
खुब निभा रहे धर्म ,
बुरा भला कितना भी,
कोई इन्हें कह दे,
कर रहे इलाज हो ये निडर ,
अभिनन्दनीय ,वंदनीय है-
स्वास्थ्यकर्मी और डॉक्टर ।


सतत प्रयासरत है ये,
"वश"में आये बीमारी,
हाहाकार मचा रही है,
ये वैश्विक महामारी ,
ऐसे में ये डॉक्टर,
मोह माया सब छोड़कर,
बन कर्म योद्धा -
निभा रहे अपनी जिम्मेदारी।
खाना पीना भूलकर,
नींद को कोसो दूर धर,
लोगो की जिंदगी बचा रहे है,
मुट्ठी भर कुछ लोग,
फिर क्यों इन्हें सता रहे है ?
इस वायरस का ये कर रहे,
मुकाबला डटकर ,
अभिनन्दनीय,वंदनीय है,
ये स्वास्थ्यकर्मी और डॉक्टर ।


चिकित्सा के क्षेत्र में,
आप सब आन बान और शान है,
उस अजब गज़ब शक्ति को 
देखा है किसने ?
मैं तो देखूं आप में,
बसा भगवान है 
इसिलए तो,
आपके कर्म है सबसे हटकर,
अभिनन्दनीय है,
वंदनीय है,
स्वास्थ्यकर्मी और डॉक्टर ।
---सुनील उपमन्यु-


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