श्री हनुमान जन्मोत्सव 2020
मुक्तक
जिनके आगे दुष्ट जनों की कभी न हरगिज दाल गली।
जिनकी चतुराई से रावण की लंका सम्पूर्ण जली।
विद्या, बुद्धि, और बल देते, संकट हर लेते पल में।
सभी प्रेम से मिलकर बोलो, जय जय जय बजरंगबली।
घनाक्षरी
मातु अंजनी के लाल, वायु देव के सुपुत्र,
रुद्र अवतार भगवंत हनुमान जी।
भोग वासना न छूने पाई कभी तिल भर,
बाल ब्रम्हचारी, सच्चे संत हनुमान जी।
अपने उपासकों के कष्ट हर लेते सारे,
करते मुसीबतों का अंत हनुमान जी।
राम जी के प्यारे भक्त , लाडले माँ जानकी के,
हैं अनंत वीर बलवंत हनुमान जी।
सुनीत बाजपेयी
मो0- 95191 71111
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