दिल में जब भगवान रहेगा।
धरती पर इंसान रहेगा।
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हम सब भूलें दुख के लम्हे।
क्या ऐसा आसान रहेगा।
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पास खुदा के जाना सबको।
कब तक तू अनजान रहेगा।
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जब तक कोरोना का डर है।
जीवन ये सुनसान रहेगा।
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अपने भय से खुद जो जीते।
बस वो ही बलवान रहेगा।
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वक्त सजग रहने का है ये।
बेसुध तो नादान रहेगा।
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धीरज खोया गर जो सबने।
कटता फिर चालान रहेगा।
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सुनीता असीम
२३/४/२०२०
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