🌷यशवंत"यश"सूर्यवंशी🌷
भिलाई दुर्ग छग
विश्व पुस्तक दिवस की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनाएं
🍂विधा कुण्डलिया छंद🍂
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महिमा पुस्तक की बड़ी,पढ़-लिख साक्षर होय।
बचपन गुजरा घूम फिर,अनपढ़ कहकर रोय।।
अनपढ़ कहकर रोय,सोंच पछता सर ठोंके।
दर-दर मिलती मात,पढ़ाने बालक झोंके।।
कहे सूर्य यशवंत, पढ़े यश फैले गरिमा।
पढ़-लिख कहते विज्ञ,विश्व में पुस्तक महिमा।।
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🌷यशवंत"यश"सूर्यवंशी🌷
भिलाई दुर्ग छग
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