अविनाश सिंह

*हाइकु*


*--------------*


 


द्वार माँ के


खुले रहते रोज


लो आशीर्वाद।


 


माँ का उदर


गरीब या अमीर


रहता गर्म।


 


होंगे साकार


वो दिन के सपने


कर्म अपने।


 


माँ की ममता


दिव्य ज्योति के रूप


दे हमें सुख।


 


नव माह में


होता शिशु का जन्म


माँ क्यों दुश्मन?


 


माँ सूरज है


देती धूप समान


न अभिमान।


 


गले लगाती


गोद मे ही सुलाती


माँ कहलाती।


 


कन्या का दान


है सबसे महान


दहेज दान?


 


दुल्हन दुखी


विदाई वाले दिन


हो गमगीन।


 


तेरा मिलना 


दो फूल का खिलना


संग है जीना।


 


प्रेम का वास


चाहते हो घर में


तो रहो पास।


 


माँ बाप हैं


घर-घर के द्वीप


देव समीप।


 


स्वर्ग के द्वार


है माँ बाप के पास


रखों विश्वास।


 


*अविनाश सिंह*


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