*मेरी प्यारी अम्मा जी*
*सुबह सबेरे जब चिल्लाती मेरी प्यारी अम्मा जी।*
*खाट खड़ी सबकी करवाती मेरी प्यारी अम्मा जी।*
*नीम बबुर की दतुइन तोड़ के सुबह सुबह हम लाते थे।*
*एक बल्टी औ लोटिया लइ के कुआं किनारे जाते थे।*
*दुइ बल्टी पानी भरवाती मेरी प्यारी अम्मा जी।*
*खाट खड़ी सबकी करवाती मेरी प्यारी अम्मा जी।*
*चूल्हे में जब तवा चढ़ाती हम को पास बुलाती।*
*आ जाओ सब भोजन करने,जोरों से चिल्लाती*।
*एक एक रोटी गरम खिलाती मेरी प्यारी अम्मा जी।*
*खाट खड़ी सबकी करवाती ,मेरी प्यारी अम्मा जी।*
*मोमफली औ शकरकंद को आग में भूंज के रखती थी।*
*माटी की दुधहंडिया में वो दूध मूंद के रखती थी।*
*सबको मीठा दूध पिलाती,मेरी प्यारी अम्मा जी।*
*खाट खड़ी सबकी करवाती मेरी प्यारी अम्मा जी।*
*छोटी वाली भाभी ने कल वीडियो कॉल मिलाया था।*
*फोन कनेक्शन होते ही अम्मा जी को पकड़ाया था।*
*थोड़ा हो जाती जज़्बाती मेरी प्यारी अम्मा जी।*
*खाट खड़ी सबकी करवाती मेरी प्यारी अम्मा जी।*
*बिटिया तोहरी खातिर हमने कल ही शहद लिया है।*
*तुरत पेड़ से तोड़ के छत्ता,उसने हमें दिया है।*
*कब अअबू कह कर मुस्काती,मेरी प्यारी अम्मा जी।*
*खाट खड़ी सबकी करवाती मेरी प्यारी अम्मा जी।*
*बप्पा को पानी देने को जंगल भर में फिरती थी।कभी किसी भी जीव जंतु से,बिल्कुल भी ना डरती थी।*
*बिचखोपड़ी भी मार गिराती,मेरी प्यारी अम्मा जी।*
*सत्तर की होने को आई,फिर भी मेहनत करती है।*
*हम सब भाई बहनों में वो भेद भाव न करती है।*
*अब भी कितना प्यार जताती,मेरी प्यारी अम्मा जी।*
*खाट खड़ी सबकी करवाती,मेरी प्यारी अम्मा जी।।*
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*डॉ सुषमा*
*कानपुर*
10-5-2020
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