रवि रश्मि 'अनुभूति 'मुंबई

9920796787****रवि रश्मि 'अनुभूति '


 


   🙏🙏


 


  श्रीपद छंद 


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परिचय --- द्वादशाक्षरावृत्ति ( जगती )


गण संयोजन ----


   न त ज य


यति ---- 4 , 8 


विशेष ---- प्रति दो चरण समतुकांत ।


111 2 , 21 121 122


 


जग सखा , आज सुनो विनती भी ।


कर सको , तो कर लो गिनती भी ।।


दर खड़े , लो अब आकर सारे ।


चख सकें , आज सुधा रस धारे ।।


 


सफ़र में , साथ सदा हम पायें ।


मन कहे , गीत सुनो हम गायें ।।


दुख करो , दूर कहें अब सारे ।


मिल सकें , आज सभी सुख न्यारे ।।


 


सुमन - सा , कोमल भाव जगायें ।


जगत में , प्यार सभी हम पायें ।।


सुन सुना , दें हम आज कहानी ।


सुख मिले , देख न दीप निशानी ।।


 


चमकते , देख न दीप हमारे ।


जल रहे , दीप सभी उजियारे ।। 


जगमगा , रात रही मतवाली ।


 चमकती , रात रहे अब काली ।।


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(C) रवि रश्मि 'अनुभूति '


30.5.2020 , 7:49 पीएम पर रचित ।


 


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