संस्कार भारती गाजियाबाद द्वारा ऑनलाइन अखिल भारतीय कविसम्मेलन विभाग संयोजक डॉ राजीव पाण्डेय के संयोजन में किया गया जिसकी अध्यक्षता दिल्ली के जाने माने गीतकार श्री ओंकार त्रिपाठी ने की।
श्रीमती कल्पना कौशिक की माँ वाणी वंदना से कवि सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। उसके बाद उनकी कविता की कुछ पंक्तियां इस प्रकार रहीं
मैं समय हूँ तुम्हारा संभालो मुझे।
घट रहा हूँ मैं पलपल बचालो मुझे।
कविसम्मेलन के संयोजक डॉ राजीव पाण्डेय ने देश भक्ति से ओतप्रोत मुक्तक पढ़ा
नासूर मिटाया है फिर भी, प्रश्न अधूरा लगता है।
झंडा शासन अपने पर भी, जश्न अधूरा लगता है।
जब से हटी तीन सौ सत्तर,अन्तर्मन है खुश लेकिन,
पाक अधिकृत कश्मीर बिना,स्वप्न अधूरा लगता है।
पिलखुआ से श्री अशोक गोयल ने कोरोना विषय पर पढ़ा
कोरोना घातक है लेकिन घबराना तो ठीक नहीं,
लापरवाही से यहाँ वहाँ पर आना जाना ठीक नहीं l
कवि सम्मेलन के अध्यक्ष श्री ओंकार त्रिपाठी ने विशुद्ध साहित्यिक गीत पढ़ते हुए कहा
जलधि में डूबने का नाम जीवन है।
जलधि के ज्वार-भाटे मत गिनाकर तू।
युवा कवयित्री गार्गी कौशिक ने माँ विषय पर गीत में भाव व्यक्त किये
जब से तुझको देखा दिल मे प्यार पले।
तेरे आ जाने से दिल के द्वार खुले।
नोयडा के दीपक श्रीवास्तव की इन पंक्तियों पर काफी प्रशंसा मिली
जाने क्यों ढूंढे अनन्त को,
जब तक है प्राणों का बन्धन।
बड़ौत से सुरेन्द्र शर्मा 'उदय' की इन सारगर्भित पंक्तियों को काफी सराहना मिली
नदियाँ थी मेरी सूखकर तालाब हो गई।
आदमी की सोच ही खराब हो गई।
पिलखुआ से इंद्रपाल सिंह ने कहा
दूर है मंजिल अभी पर हौसला जाने न पाए ।
रात काली है ये माना ग़म कहीं छाने न पाए।
हैदराबाद से मंजू भारद्वाज की श्रृंगार में पढ़ा
प्रेम की हद पर एक लकीर खींच दी हमने,
उस हद से गुजरने की कोशिश न करना।
शामली के कवि पंडित राजीव भावज्ञ का मुक्तक की दो पंक्तियां दृष्टव्य हैं
वाणी में अभिव्यक्ति का संसार है।
डूबते-मन के लिए पतवार है।।
गाजियाबाद के ग़ज़लकार श्री सुरेन्द्र शर्मा के शेर काफी सराहे गये।
हरिद्वार,मक्का,ननकाना जो जाते हैं जाएं वे
हमको तो बच्चों की आंख में सारे तीर्थ दीखें हैं।
संस्कार भारती मेरठ प्रांत के सह महामंत्री श्री चन्द्रभानु मिश्र, जिला संयोजक डॉ जयप्रकाश मिश्र, महासचिव डॉ अनिल वशिष्ठ, सह सचिव सोनम यादव, ममता राठौर,अतर सिंह प्रेमी, लोनी रीता जयहिंद,रचना वानिया, मेरठ, राजेश मंडार,बागपत,शशि त्यागी अमरोहा आदि कवियों के गीत ग़ज़ल छंदों ने कवि सम्मेलन में चार चाँद लगा दिए।
कवि सम्मेलन का संचालन अनुपमा पाण्डेय भारतीय और नन्द किशोर सिंह 'विद्रोही' ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ राजीव पाण्डेय ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
प्रेषक
डॉ राजीव पाण्डेय
विभाग संयोजक
संस्कार भारती गाजियाबाद
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