सत्यप्रकाश पांडेय

गोविन्द मेटों शूल.....


 


रास रचैया कृष्ण कन्हैया


माँ यशोदा के लाल


गोप बधुओं की जीवन पूंजी


नन्दनन्दन गोपाल


 


पाकर के तेरा प्रेम आश्रय


छोड़ दई लोक लाज


कृष्ण रंग में रंगी सांवरे


तेरी हो गईं आज


 


डार मोहिनी चित्त हर लीन्हों


मनुवा हुओं बेहाल


बिन देखे जलें विरह अनल में


लता पता लगें काल


 


आलिंगन कर अधरपान करो


माधव बनो अनुकूल


गोप बाला हो गईं बाबरी


गोविन्द मेटों शूल।।


 


श्रीकृष्णाय नमो नमः


 


सत्यप्रकाश पाण्डेय


 


 


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