सीता नवमी आशुकवि नीरज अवस्थी दोहे

मां जगतजननी सीता जी के प्राकट्य दिवस सीता नवमी पर चंद दोहे।


धरती जननी जानकी,धरती सबकी मात।
धरती से हम सब जने,धरती से ही नात।
जगति जननि मां जानकी,जनक सुता विख्यात।
मां धरती की गोद से,प्रगटी सीता मातु।
शुक्ल पक्ष वैशाख तिथि सीता नवमी आज ।
नीरज पर करिए कृपा सीता कौशलराज।
त्रेता में जैसे भरी , मिथिला पति की गोद।
हर दम्पति को ईश दो,सुंदर शिशू अबोध।
सीता राघव राम जी हम सबके आदर्श।
हर घर मे लव कुश पले जीवन मे हो हर्ष।।
आशुकवि नीरज अवस्थी 9919256950


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