आचार्य गोपाल जी

धरती की गुहार


 


सभी से धरती करे गुहार


हृदय के कष्ट मिटाओ यार 


मन में कुछ तो करो विचार  


छोड़ो करना तुम अत्याचार


विपट बिलखते मेरे द्वार 


मत कर तरु पर तू वार


पादप पावन करे संसार


तुम तरु लगाओ घरवार


पर्यावरण से कर तू प्यार 


स्वच्छ बनाओ तुम ये संसार


देख अपनी करनी का भार


रोगों का यहां फैला है अंबार


मेरी व्यथा ना समझे संसार 


करनी फल पाता हर बार


कब बदलेगा तु व्यवहार


संभल जरा अब नर-नार


दिवस मनाने ना हो उद्धार


पेड़ लगाओ हर दिन यार


 


आचार्य गोपाल जी 


          उर्फ 


आजाद अकेला बरबीघा वाले 


प्लस टू उच्च विद्यालय बरबीघा शेखपुरा बिहार


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...