विश्व पर्यावरण दिवस
पर स्लोगन मुक्तक
आओ सब मिल के एक फैसला लिया जाये।
वैश्विक ताप को कैसे भी कम किया जाये।
आज हर प्राणि के जीवन पे है खतरा भारी,
काम ऐसे हो की खतरा ख़तम किया जाये।(1)
जन जीवन बाधा मिटे हरो शोक संताप।
वृक्षा रोपण कर सभी हरो विश्व का ताप।।(2)
-कविता-
मुठ्ठी बांध सभी आते है,हाथ पसारे जाओगे।
लेकिन एक पेड़ की लकड़ी साथ साथ ले जाओगे।
निज जीवन में एक वृक्ष के संरक्षण की शपथ गहो,
इतना भी ना कर पाए तो जन्म जन्म पछताओगे।
मुठ्ठी बांध सभी आते है,हाथ पसारे जाओगे।
लेकिन एक पेड़ की लकड़ी साथ साथ ले जाओगे।
ताप विश्व का दिन दिन बढ़ता जल संकट गहराता है।
शुद्ध हवा भी नही मिल रही सकल जीव घबराता है।
सूख रही नदियां झीलें इनको कैसे भर पाओगे।
मुठ्ठी बांध सभी आते है,हाथ पसारे जाओगे।
लेकिन एक पेड़ की लकड़ी साथ साथ ले जाओगे।
धुंआ धूल की बहुतायत है इस पर ध्यान जरुरी है।
ऐसी फ्रिज का कम से कम उपयोग बना मजबूरी है।
अगर प्रकृति ने करवट बदली तब तुम क्या कर पाओगे।
मुठ्ठी बांध सभी आते है,हाथ पसारे जाओगे।
लेकिन एक पेड़ की लकड़ी साथ साथ ले जाओगे।
आशुकवि नीरज अवस्थी मो0-9919256950
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