विश्व रक्त दान दिवस पर
कुण्डलियाँ
जाये बच यदि प्राण तो, करो रक्त का दान।
गुप्त रूप से ही करो, मत होने दो भान।
मत होने दो भान,खुशी आँखों में दे दो।
बुझती लौ में आज,कमी कोई न कुरेदो।
शपथ 'निरंतर' चाह,सदा सब मुख हरषाये।
मिले लहू का दान, खुशी से तब घर जाये।
अर्चना पाठक
निरंतर
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