विश्व रक्तदान दिवस पर कविता
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रक्तदान के भावों को
शब्दों में बताना मुश्किल है
कुछ भाव रहे होंगे भावी के
भावों को बताना मुश्किल है।
दानों के दान रक्तदानी के
दावों को बताना मुश्किल है
रक्तदान से जीवन परिभाषा की
नई कहानी को बताना मुश्किल है।
कितनों के गम चले गये
महादान को समझाना मुश्किल है
मानव में यदि संवाद नहीं
तो सम्मान बनाना मुश्किल है।
यदि रक्तों से रक्त सम्बंध नहीं
तो क्या भाव बताना मुश्किल है
पुण्यदान काम न कर सके
जीवन ज्योति जलाना मुश्किल है।
रक्तदान के महा शिविरों में
बस पुण्य काम ही होते हैं,
मृत्यु को वरण करने वाले
तेरे ही रक्तों से जीते हैं।
मौलिक रचना:-
दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल
महराजगंज, उत्तर प्रदेश।
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