बड़ा एहसान किया तुमने
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साहिल जो प्यार राहों में
दिया तुमने |
इस काफिर पर
बड़ा एहसान किया तुमने ||
बस इस इंतजार में
जीता रहा हरदम |
कि आखिर बेवफा
कह तो दिया तुमने ||
हवा ऐसी लगी
कि दवा काम ना आई |
मोहब्बत में यह
कैसा जख्म दिया तुमने ||
जब जब सताती रही
यादें तेरी मुझको |
बस यही सोचा कि
याद किया तुमने ||
यह खत्म ना होगा
सफर मेरा तेरे लिए |
अगर एक पल भी
प्यार किया है तुमने ||
डॉ बीके शर्मा
उच्चैन , भरतपुर ,राजस्थान
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