" धर्म पथ पर रहो अग्रसर "
सदाचार
के नियम
का पालन करो
होकर जीवन में ततपर
जीवन वही सफल जगत में
जो रहता है सदैव
धर्म पथ पर
कर्तव्य निभा
अग्रसर
प्राचीन
काल से
निज संस्कृति में
है ये मूल्य पुराने
आगन्तुक को देव मान हर्षावै
जीवन उसका रहे सुखद
कोई कष्ट नहीं
उसे कभी
सतावै
धर्म
के पथ
पर चलकर ही तो
मानव माया बन्धनों से छूट
जावै उस परमात्मा की
शरण मिले, मोक्ष
द्वार खुल
जावै
धर्म
मार्ग है
थोड़ा दुष्कर परीक्षा
बहु भाँति की ले जावै
जो रहे अडिग अपने पथ
पर वह जीवन का
अपना लक्ष्य पाकर
सारे दुख
बिसरावै
डॉ. निर्मला शर्मा
दौसा राजस्थान
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