डॉ.राम कुमार झा "निकुंज

दिनांकः २८.०६.२०२०


दिवसः रविवार


विधाः गीत


शीर्षकः 🇮🇳राष्ट्र विजय अनुनाद करें🇮🇳


 


ज्ञान विज्ञानी राष्ट्र मंच पर , 


सारस्वत यश रसधार बहे। 


भारत सेवा भक्ति प्रीति नित


हम संघशक्ति बन सभी चलें।  


 


आपद की इस विकट घड़ी में,


हम भूल स्वार्थ सब साथ चले। 


दिखा रहे अपनी आँखें फिर,


मिल चीन पाक का दमन करें। 


 


अन्तर्मन रख त्याग वतन हम,


नित तन मन जीवन दान करें।


पहचाने हम निज ताकत को,


हम धीर वीर प्रतिमान बने। 


 


गा शौर्य गान सीमा प्रहरी,


हम ध्वजा तिरंगा शान रखें।


बद़जुबान को दें लगाम नित,


हम राष्ट्र हितैषी ध्यान रखें।


 


हम वीर सपूतों की सन्तानें,


क्यों मर्माहत मत वतन करें।


योगदान निर्माण राष्ट्र में,


हम यथाशक्ति अवदान करें। 


 


कठिन परीक्षा कोरोना में,


हम करें सामना एक रहें। 


साथ निभा हम विकट घड़ी में,


सरकार साथ हम अटल रहें। 


 


शौर्य वीर की अमर कथा हम,


काल कपाल हम लिख सकते।


हो प्रहार चाहे भू जल नभ,


बन महाकाल हम लड़ सकते।  


 


साहस धीरज अरिमर्दन में,


हम सैन्यशक्ति विश्वास रखें।


प्रलयंकर बन शत्रु विनाशक,


बलिदानी को हम नमन करें।  


 


प्रश्न उठा क्यों सैन्य शक्ति पर,


क्यों खुद दुश्मन को सबल करें।


दृढ़ संकल्पित सबल प्रशासन,


नित बहुमत का सम्मान करें।  


 


तजें स्वार्थ सत्ता सुख वैभव,


नित संघशक्ति उत्थान करें।


संविधान सम्मत है शासक, 


जन हित निर्णय सहयोग करें।  


 


भड़कायें मत आग वतन में,


समरस सद्भावन भाव रखें। 


भारत माँ जयहिन्द वतन बस,


बस अमर गीत जयगान करें।  


 


जीतेंगे हम अन्तर्बहि संकट,


यदि रहें साथ प्रतिकार करें।


नैतिक पथ मानवता रक्षक,


हम राष्ट्र विजय अनुनाद करें। 


 


डॉ.राम कुमार झा "निकुंज"


रचनाः मौलिक (स्वरचित)


नई दिल्ली


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