*विषय ।।।।।वैभव।।।।।।।*
*।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।*
*शीर्षक।।।। दिल की दौलत ही*
*मनुष्य को वैभव शाली बनाती है।*
वैभव यश कीर्ति सम्मान का
आदमी भूखा हो गया है।
पर दिल से वह संवेदना शून्य
और सूखा हो गया है।।
पर असली वैभव तो मिलता
दिलों को जीतने से।
पर मनुष्य तो आज व्यवहार
में ही रूखा हो गया है।।
दे कर सम्मान व्यक्ति जीवन
में वैभव लाता है।
विनम्रता की सुगंध से जीवन
भी चमचमाता है।।
नकली धन दौलत नहीं नाम
वैभव का दूसरा।
दिल की जिंदादिली से ही
असली वैभव पाता है।।
बुद्धि विवेक ही मनुष्य को
गौरवशाली बनाते हैं।
साहसी उत्साही आदमी को ही
शक्तिशाली बुलाते हैं।।
अच्छे कर्म वचन ही तो मंत्र हैं
हमारे वैभव निर्माण के।
ऐसे ही व्यक्त्वि के धनी मनुष्य
वैभव शाली कहलाते हैं।।
*रचयिता । एस के कपूर "श्री हंस*"
*बरेली।*
मो। 9897071046
8218685464
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