एस के कपूर " श्री हंस"* *बरेली।*

*जिन्दगी।।।।जीवन।।।।*


*हाइकु।।।।*


 


जीवन पस्त


मन से हार गए


जीवन त्रस्त


 


जिन्दगी प्यार


जन्म ये एक बार


प्रेम गुज़ार


 


मिले ये एक


सदुपयोग कर


कार्य अनेक


 


जीवन खेल


पटरी न उतरे


जीवन रेल


 


दुःख सहोगे


फले तभी जीवन


खुश रहोगे


 


जीवन मन्त्र


रहस्य नहीं कोई


जीवन तन्त्र


 


ईर्ष्या न करो


खुशी के लिए तुम


स्पर्धा ही करो


 


आबाद है ये


जीवन में दिखावा


बर्बाद है ये


 


*रचयिता।एस के कपूर " श्री हंस"*


*बरेली।*


मो 9897071046


             8218685464


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