*मत कहो मत करो कि आ "कॅरोना" मुझे मार।।।।।।।।।*
बाहर निकलने से पहले सोचो
जरा एक बात जरूरी।
क्या जिंदा रहने से भी ज्यादा
जरूरी है कोई मजबूरी।।
संक्रमण चरम पर और अभी
है बचना आवश्यक।
जाना यदि आवश्यक तो रहे
सदैव दो ग़ज़ की दूरी।।
धैर्य रखो कि देखते देखते यह
वक़्त भी निकल जायेगा।
छंट जायेगा अंधेरा और फिर से
वही उजियारा छायेगा।।
हर तरफ खोज जारी है मानवता
को बचाने के लिए।
हमारे कॅरोना योद्धायों का अथक
परिश्रम रंग लेकर आयेगा।।
कोई भी दुःख आता जीवन में कुछ
अलग सिखाने के लिये।
क्या हो रहा था धरती पर गलत ये
सब कुछ बताने के लिये।।
कुछ बदलाव होते बहुत जरूरी हर
संकट हमें बतलाता है।
बदलें देश समाज को ये बात जरूरी
हमें समझाने के लिये ।।
*रचयिता।एस के कपूर"श्री हंस"*
*बरेली।*
*मोब।।* 9897071046
8218685464
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