*गौ में है देवों का वास*
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गौ रक्षा के लिए
लेते हैं प्रभु सदा अवतार
गौ सेवा से नृप दलीप ने
पाई थी संतान।
गौ का गोबर भी तो
अति पवित्र है,
गौ चारण करने में रत थे
स्वयं श्रीकृष्ण भगवान।
गौ के दूध से ही
श्रृंगी ऋषि ने खीर बनाई,
राजा दशरथ की किस्मत जगी
घर में जन्मे चार लाल।
गौ वध करने वाला
होता राक्षस अति क्रूर है,
जो गौ वध नहीं रोक पाई
वह कैसी सरकार है।
आओ गौ रक्षा का लें संकल्प
गौ माता है,गौ ही देवी है,
गौ में है देवों का वास
इसे बनाये हम राष्ट्र माता।।
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कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रूद्रप्रयाग उत्तराखंड
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