कालिका प्रसाद सेमवाल

*मां तुम जीवन का आधार हो*


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माँ परिवार की आत्मा होती है,


माँ आदिशक्ति माया होती है,


माँ घर की आरती होती है,


माँ जीवन की आस होती है,


माँ ही घर का प्रकाश होती है,


माँ गंगा सी पावन होती है,


माँ वृक्षों में पीपल सी होती है,


माँ देवियों में गायत्री होती है,


माँ फलों में श्रीफल होती है,


माँ शहद सी मीठी होती है,


माँ ममता का प्याला होती है,


माँ ऋतुराज वसंत होती है,


माँ ईद दिवाली और होली होती है,


माँआन ,बान ,शान होती है,


माँ रामायण वेद पुराण होती है,


माँ वीणा की झंकार होती है,


माँ जीवन का मधुमास होती है,


माँ तन, मन, धन होती है,


माँ ईश्वर की अनुपम कृति होती है,


माँ ही इस जहां में हमें लाईं है,


माँ ही जीवन का आधार होती है।


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कालिका प्रसाद सेमवाल


मानस सदन अपर बाजार


रुद्रप्रयाग उत्तराखंड


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