शिक्षक एवं कवि
पता ग्राम बेलवा बजरिया नकहा लखीमपुर
शिक्षा स्नातक बीएड बीटीसी टीईटी पांच बार
सेवा प्राथमिक विद्यालय सिसौरा फूलबेहड खीरी
शौक काव्य सृजन काव्यपाठ
बच्चों को शिक्षित करना
उपलब्धि उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में विभिन्न काव्य मंचों पर काव्यपाठ एवं शताधिक सम्मान एवं पुरुस्कार।
विधा अवधी एवं खडी बोली मे हास्य व्यंग्य।
कृति *वटवृक्ष*
स्वरदूत 9839737993
8887628508
मेरी कुछ कविताएं
खेतन खरिहानन औ बागन बगीचन मा
देखेन तौ याक बात भाइ गई मन ते।
गांव केर गोरी ई छोरी चकोरी का
कैसेउ पटाइ लियो कौनेउ जतन ते।
हम सा लफंटू वा बिना ढूंढे पाइ गई
खूबइ अघाइ का निचोरि लीसि धन ते।
जहां गई ब्याही वा हुंऔ तौ रही नाइ
खाइसि पीसि हमसे औ चली गई अन्ते।।
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राम लाल जोखे पैरु डगरु मुरारीलाल
मर्री छोटकन्नी मुन्नी और नाउ मीना है।
दुइ केर नाउ साहब जौन चहौ लिखि लियौ
नामकरण इनका भवा अबही ना है।
हम कहा ई सब का तुमरेन औलादें है
मुसकाइ बोली सब भगवानै दीना है
बरहें का पेट महिंया देखतै बौराइ गेन
हाय राम यू कौन श्रमिक का पसीना है।।
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सुखीराम कहै लागि सुनौ भइया दुखीराम
चिंतन की बातै कछू आई है ध्यान मा।
बात या बताओ का मौत सबकी निश्चित है
दुखीराम बोले यू तौ तय है विधान मा।
सुनतै यू सुखीराम के सुर सुखाइ गए
बोले यहै चिंता है बसी आठौ याम मा
मरत मरत सबसे बाद मरी जौन मनई
ऊका फूकै या गाडै को लइ जाई श्मशान मा
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सुखीराम जी की घरवाली हेराइ गई
चारिउ वार ढूढै लाग पूरे जी जान से।
राह महिया मंदिर देखना श्री राम जी का
रोइ रोइ विपदा सुनाइन भगवान से।
श्री राम बोले बीबी हमरिउ हेरान रही
वनवास दौर महिया जंगल सुनसान से।
ताकी खोज कीन रहै पवनपुत्र बजरंगी
पास ही मा मंदिर है मिलौ हनुमान से।।
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झोरिया मा कुर्ता कै लाठी मा टांग लीन
जूता बडकन्ना कै पहिरि लीन पांव मा।
कोई से सलाम ठोंक रोक रोक राम राम
यहै करत आइ गए पाडे के गांव मा।
द्वार याक पहुंचे यक बूढ़ा भिखारी जानि
भीख लाईं सुखीराम आइ गए ताव मा।
बोले या भीख नाइ हमका सब वोट दियौ
ठाढै हन अबकी प्रधानी के चुनाव मा।।
✍️ विशेष शर्मा
😁😁😁🙏🙏🙏
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