दिनांकः ०३.०६.२०२०
दिवसः बुधवार
विषयः रामावतार
विधाः गीत(कविता)
शीर्षकः गाऊँ राम भजन
रामावतार गीत गाऊँ मैं,
जीवन पापों से उद्धार करुँ।
श्रीराम नाम अभिराम मनोहर,
अन्तर्मन निश्छल अनुनाद करूँ।
नित कौशलेय रघुनाथ सुकोमल,
दशरथ नन्दन सुन्दर मन अभिसार करूँ।
जीवन नित मर्यादा पुरुषोत्तम,
सरसिज राघवमुख अनुराग करूँ।
जय रघुनन्दन जग असुर निकन्दन,
सीता राम लखन गलहार करूँ।
रघुकुल नीति नित वचन सत्पालक,
श्रीराम मन निकुंज विहार करूँ।
महान् भरत सम भाई परंतप,
शत्रुघ्न अनुज हृदय सुखसार करूँ।
प्रीति भक्तिमय नित लखन लाल मन,
जय सियराम गान गुंजार करूँ।
मारि दशानन जग पाप विमोचन,
नित हनुमान भक्ति जयकार करूँ।
हर पाप त्रिविध शरणागत वत्सल,
गाऊँ राम भजन सुखसार करूँ।
कवि✍️डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
रचनाः मौलिक (स्वरचित)
नई दिल्ली
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