कुमार कारनिक

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  *यही महाभारत है*


   विजया घनाक्षरी


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तीर - गदा - तलवार,


किस पर करूँ वार,


सब मेरे सखा - बंधु,


यही महा-भारत है।


🌼🏹


चारों ओर कोहराम,


कहे सब राम - राम,


साथ में दीन-दयाला,


युद्ध - वीर भारत है।


🌸⚔️


तम की घोर भारी थी,


घोर अन्याय जारी थी,


तभी युग - युद्ध हुआ,


कुरुक्षेत्र भारत है।


🏵🗡️


दुश्मन भी अपना था,


धर्म रक्षा करना था,


देश हेतु मर मिटे,


भाईयों का भारत है।


 


        00000


 


अंग - अंग कटे पड़े,


धड़ - मुण्ड गिरे पड़े,


देखो साँसे टूट रही,


देश हेतु युद्ध किये।


❄⚔️


विधवाएं लाखों हुए,


बेसहारे लाखों हुए,


बिलखते माँ - बेटियाँ,


राष्ट्र -हित युद्ध किये।


🌼🏹


द्रुत - क्रीड़ा नियोजित,


पांचाली अपमानित,


बदले की प्रादुर्भाव,


है वचन - बद्ध हुये।


🌼🗡️


श्री कृष्ण रोक न पाया,


ये सब इनकी माया,


दिये गीता उपदेश,


स्वयं से वे युद्ध किये।


 


 


 


*कुमार🙏🏼कारनिक*


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