नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर

सफर जिंदगी गम ख़ुशी का मेला। लम्हा ,लम्हा रंग बदलती दुनियां में नियत, ईमान का धोखा जिंदगी।।        


 


कभी हालात का मारा हालत का झमेला जिंदगी।                          


 


मौसम का मिज़ाज़ कभी तपती जेठ कि दोपहर कि गर्मी जिंदगी।


 


कभी वरिस में भीगती ,सर्द कि खामोश हवाओ तूफ़ान से जूझती जिंदगी।।


   


                          


कभी मौका कभी मौके पे धोखा जिंदगी सच झूठ के बीच!


 


रिश्तों कि परस्तीस कि तमन्ना जिंदगी।।         


 


मकसद के सफर पर चलती जिंदगी रिश्तों का मिलना बिछड़ना जिंदगी।।                            


 


हर रिश्तों का मकसद कि मंजिल पे अलविदा ।        


 


अपनी चाल चलती जिंदगी।।


 


कभी अनजान तुफानो में उलझ जाती । जिंदगी जंगो का मैदान लड़ती कभी गुरुर के जंग कि जिंदगी।           


 


जूनून के जंगो में पाती खोती सुरूर के जंगो का नशा शराब सबाब जिंदगी ।।                     


 


जिंदगी एक पहेली इंसा कि तमन्नाओ का अपसाना।


 


मझधार कि किश्ती कभी कशमकश का किनारा कभी काश कि चाहत में का गुजरना जिंदगी।।


 


नशेमन का नशा है जिंदगी नशे हद कि गुमां।                      


 


इश्क के इंतज़ार इज़हार का पागल दीवाना जिंदगी।     


         


 


कभी फरेब कि जलती शमां का परवाना।।


 


 मोहब्बत में लूट जाना खाली हाथ आना खली हाथ जाना जिंदगी।।                           


 


तक़दीर तदवीर का नज़राना जिंदगी ।।                      


 


 


इल्तज़ा ,ख्वाब का सफर सुहाना जिंदगी।।


 


अरमानो का अंदाज़ इबादत का ईमान नज़राना जिंदगी।।


 


फ़र्ज़ कि फक्र आरजू ,हुनर ,इल्म इलाही जिंदगी ।                  


जीने का जिंदगी हकीकत बहना।। 


 


 नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर


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