नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर

जुबां तोल, मोल , बेमोल,अनमोल, बहारों के फूलों कि बारिश अल्फ़ाज़।    


               


तनहा इंसान का सफसोस हुजूम के कारवां कि जिंदगी का साथ अल्फाज़।।


 


वापस नही आते कभी जुबां से निकले अल्फ़ाज़ दोस्त, दृश्मन कि बुनियाद अल्फ़ाज़।


जंगो का मैदान मोहब्बत पैगाम जमीं आकाश कि गूंज आज,कल अलफ़ाज़।।


 


दिल के जज्बात ,हालत, हालात का मिजाज अल्फ़ाज़।


दिल में उतर जाते खंजर की तरह मासूम दिल कि अश्क, आशिकी ,सुरते हाल अल्फ़ाज़।।


 


 जिंदगी रौशन ,सल्तनत बीरान तारीखों के गवाह अल्फ़ाज़।


बेशकीमती दुआ ,


बद्दुआ, फरियाद, मुस्कान अलफ़ाज़।।


 


अल्फ़ाज़ों में गीता, कुरान इबादत जज्बे का ईमान।


खुदा भगवान के जुबाँ से निकले इंसानियत इंसान के अल्फ़ाज़।।


 


अल्फाज़ो के गुलदशतों से सजती महफ़िलों के सबाब बहार के अल्फ़ाज़।


रौशन समाँ कि रौशन रौशनी कि खुशबु का बेहतरीन अंदाज़ अल्फ़ाज़।।


 


कसीदों कि काश्तकारी


रिश्तों में दस्तकारी अल्फ़ाज़।


दिल में नश्तर कि तरह चुभते कभी, कभी दिल कि खुशियों का वाह वाह अल्फ़ाज़।।


 


नज़रों के इशारों, जुबाँ खामोश का अंदाज़ अल्फाज़।


हद ,हस्ती आबरू, बेआबरू कसूर ,बेकसुरवार गुनाह,बेगुनाह के अल्फ़ाज़।।


 


बदज़ुबां का अल्फ़ाज़ जहाँ परेशान ।


खूबसूरत अल्फाज नेक ,नियत कि जुबां जमाने के अमन कि नाज़ का अल्फ़ाज़।।


 


तारीफ़, गिला ,शिकवा ,


कि बाज़ीगरी का कमाल अल्फ़ाज़।


बेंजा उलझनों को दावत, जायज बदल देते हालात के अल्फ़ाज़।।


 


गीत ग़ज़ल फूलों कि बारिश ,शहद कानों में मिश्री घोलता अल्फ़ाज़।


अल्फाजों से बनता बिगड़ता रिश्ता खामोश जुबाँ ,निगाहों का जज्बे के जज्बात अल्फाज़।।


 


नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर


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