नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर

सभल जाओ ,सुधर जाओ


नहीं तो देंगे तुमको चीर


विषधर तुम विष बीज 


मिटा कर रख देंगे तुझे चीन।।


 


फन कुचल देंगे तुम्हारी हस्ती


मिटा देंगे मानवता के दुश्मन दानव चीन धूर्त ,पाखंडी,मक्कार


तेरी दानवता मक्कारी का 


विश्व बंधू देगा जबाब गिन गिन।


मिटा कर रख देंगे तुझे चीन।।


 


सन् बासठ में धोखा दिया


छल छद्म की चाल चला


भूले नहीं हम तेरी कुटिल


कुटिलता को भारत हम सौम्य 


शालीन।


मिटा कर रख देंगे तुझे चीन।।


 


मेरी बाज़ारों का तू बड़ा व्यपारी


तेरी हर उत्पाद का वहिष्कार करेंगे  


तेरा मर्दन मान करेंगे तुझसे


दो दो हाथ करेंगे लड़ेंगे तेरा


सत्या नाश करेंगे।


मिटा कर रख देंगें तुझे चीन।।


 


तू चालाक लोमड़ी दोस्ती


का स्वांग रचता पीठ में खंजर


भोकता ।                                


 


तेरी निति ,नियत, कायर


दुष्टों की तेरी हर कुटिल ,चाल,


जाल को काट देंगे तेरी औकात


का किनारा तीर।


मिटा कर रख देंगे तुझे चीन।।


 


तूने हमारे पड़ोसी नेपाल को


दुश्मनी की राह दिखाई है।


 


निगल जाएगा तू भोले भाले


नेपाल ,नेपाली को तेरी मंसा


नहीं जानता गर नेपाल। 


                


मिट जाएगा तेरे पाश में


नहीं रहेगा विश्व नक्शे में नेपाल


भोले भाले नेपाली को शायद


नहीं आभास।


 


पूरी नहीं होने देंगे तेरी कोइ चाल


चाहे जीतनी चाले चल ले, तेरा


होने वाला है बुरा हाल नीच।


मिटा कर रख देंगे तुझे चीन।।


 


तू कितना दुष्ट दमनकारी अपने


ही लोगो का धेन्चौक पर करता


है संघार, तू विघटन कारी, तू


अत्याचारी ,होने वाला है तेरा


अब सर्वनाश ।                   


उछल कूद तू


चाहे जितना कर ले चीन


मिटाकर रख देंगे तुझे चीन।।


 


तू धमकी देता चेतावनी सुन ले


कान खोलकर तू है अब बेमोल कौड़ी का तीन।


मिटा कर रख देंगे तुझे चीन।।


 


भारत के हर सैनिक की शहादत


का हिसाब करेंगे तेरे टुकड़े हज़ार


करेंगे नही बायेगा तू गिन गिन।


मिटाकर रख देंगे तुझे चीन।।


 


हर भारतवासी का खून है


खौला अपने हर शहीद जवान


का बदला एक एक पे बीस।


मिटा कर रख देंगे तुझे चीन।।


 


ललकार सुन ले फुंकार तू अपनी


बंद कर देंगे तुझे हम कटपीस।


मिटाकर रख देंगे तुझे हम चीन।।


 


हम कायर कमजोर नहीं


हम तुझ जैसा धोखा और


फरेब नहीं ।


हम भारत का भारतवासी 


जो आँख दिखाए आँख


निकाले जो दे चुनौती


उसका काल बने सभल जाओं अब चीन।


मिटाकर रख देंगे हम चीन।।


 


कर तू आजमाइस जोर नहीं


पछतायेगा कही का ना तू


रह जाएगा होगा तू गमगीन।


मिटा कर रख देंगे तुझे हम


चीन।।


 


प्रेम शांति का बुद्ध सिद्धांत


अहिंसा परमो धर्मः कि आवाज


अवतार से करता है तू रार


तेरी अब खैर नहीं तरसेगा


मरेगा बिन पानी के चीन।


मिटा कर रख देंगे हम


चीन।।


 


विश्व लड़ रहा जंग कोरोना से


तेरी ही शातिर खुराफात की


देंन जितना तू गिरता जाएगा


उतना तू पछतायेगा सभल नहीं


पायेगा चीन ।


मिटा कर रख देंगे तुझे चीन।।


 


नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर


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