नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर

दिलों ओ दिमाग पे छाई है 


तेरी यादों की परछाई 


नादानियां तेरी शरारते


तेरा शर्माना छुप जाना शर्माई।


दिलों दिमाग पे छाई है 


तेरे यादों की परछाई।।


 


दिल में जज्बे का तूफां


दिमाग में जज्बातों के जंग


तुझे खोने फिर संग लाने की जिद आई।


दिलो ओ दिमाग छाई है 


तेरी यादों की परछआई।।


 


बरसात का मौसम बरसात


में भीगना छोकना बरसात का


पानी कागज की कश्ती बचपन


की कस्मे रस्में कमसिन की


कसम भोली सूरत दिलों की दस्तक छाई।


दिलो ओ दिमाग पे छाई है  


तेरी यादों की परछाई ।।


 


जिंदगी के तक़दीर का वो लम्हा


उसके साथ गुजरे तोहफा लम्हा


तुम्हारा साथ जिंदगी का एहसास


तेरी अक्स जिंदगी की साँसे धड़कन सौगात तू आयी।


दिलो ओ दिमाग में छाई है 


तेरे यादों की परछाई।।


 


गली की कली नाज़ुक


वक्त की नाज़ नज़ाकत


तू लाखों अरमानों की चाहत 


नादानों की मोहब्बत की खुशबू


 नज़ाकत अर्ज आरजू।


दिलों ओ दिमाग छाई है 


तेरे यादों की परछाई।।


 


हुस्न की हद हैसियत तेरी


दीवानगी में दिलो का


पागल हो जाना तेरी मासूम


चाहतों में जीने मरने का कस्मे खाना सिर्फ मेरी ही चाहत में तेरी


जिंदगी का तराना आशिकी।


दिलों ओ दिमाग में छाई है


तेरे यादों की परछाई।।


 


माँ बाप हसरतों की जमीं


दोस्तों की आहों का का बहाना


चाहतों की आसमां


जहाँ में तन्हा तू नाज़ुक हुस्न


की चाँद की चॉदनी।


दिलों दिमाग में छाई है तेरे यादों


की परछाई।।


 


दुनियां की भीड़ में आज भी तन्हा


तेरे संग गुजरे लम्हों की दौलत का कारवां तेरे ही इंतज़ार


की जिंदगी तेरे प्यार की हकीकत


इकरार का इज़हार का लम्हा आती जाती।


दिलों ओ दिमाग में छाई है


तेरे यादो की परछाई।।


 


 


नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर


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