विश्व पर्यावरण दिवस
5.6.2020
शुद्ध वायु नही आज
जल संकट महान
मुक्ति मिले कैसे बोलो
सोच ये जगाइए
दोहन कहीं न हो
प्रकृति विक्षोभ न हो
संरक्षित मिल करें
प्रयत्न बढ़ाइए ।
संकट ये टले तभी
जब वर्षा होए घनी
हरी भरी धरा रहे
वृक्ष ही लगाइए ।
वृक्षारोपण करना
नेह धरा से रखना
पर्यावरण दिवस
सब ही मनाइए ।
स्वरचित
निशा"अतुल्य"
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