प्रिया चारण  उदयपुर राजस्थान

आत्मनिर्भर भारत


 


आत्मनिर्भर बने ये भारत मेरा 


लक्ष्य इससे ज्यादा भी कुछ नही


गरीबी मिटे ,कोरोना से हम जीते 


चलते रहे ,अब न रुके, तिरंगा हमारा न झुकें


 


हौसलो की उड़ान है , पंखों में अभी नई जान है


बनानी भारत को ,अभी आत्मनिर्भर वाली पहचान है


 


मजदूर न हो कोई मजबूर यहाँ


घर न हो किसका दूर जहाँ


गाँवो में ही अब शहरों की रौनक लानी है


अबकी बार स्वदेशी चीजे ही अपनानी है


 


लक्ष्य मेरा कुछ और नही ,,,,


बस हिंदुस्तान को आत्मनिर्भर बनाना है


इसमे अपनी थोड़ी भागीदारी को निभाना है


हिंदुस्तान की मिट्टी की खुशबू हमने पहचानी है


जहाँ गंगा यमुना की शीतल कहानी है


 


बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ ,


अब उसे आत्मनिर्भर भी बनाओ


 


शहीद न हो कोई फौजी हमारा 


किसान का न ही आत्म हत्या ही आखरी सहारा


सुनने को न मिले निर्भया सा कांड दुबारा


बाल मजदूरी से गिरा न हो भारत का बच्चा प्यारा।


अब सही मायने में बने भारत आत्मनिर्भर हमारा ।


यही लक्ष्य है हमारा ,यही लक्ष्य है हमारा


 


प्रिया चारण 


उदयपुर राजस्थान


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