😌 जो आया है उसको जाना 😌
अटल सत्य ये, रार करे क्यूं।
उर्जा निज़ बेकार करे क्यूं।
जो आया है उसको जाना।
सत्य यही, इंकार करे क्यूं।
रचा चक्र है यही विधाता।
इक आता है, दूजा जाता।
माटी का तन माटी मिलना,
तू इतना तक़रार करे क्यूं।
मान कहा तू मेरा भैया।
मत कर इत-उत ताता-थइया।
जिस तन को इक दिन जल जाना,
उससे इतना प्यार करे क्यूं।
काम न आएगा ये पैसा।
लाख बहा पानी के जैसा।
जाना ही होगा तुझको भी,
भले दान सौ बार करे तू।
बुना उसी ने ताना - बाना।
किसको कब कैसे हैं जाना।
फेर-बदल कुछ हो न सकेगा,
उछल - कूद बेकार करे तू।
।। राजेंद्र रायपुरी।।
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