😌😌 आशा- उम्मीद 😌😌
आशा उनसे प्यार की,
करनी है बेकार।
जो करना है चाहते,
हरदम ही तक़रार।
उन लोगों से प्यार की,
क्या करनी उम्मीद।
जिनको भाती है नहीं,
कभी दिवाली-ईद।
आशा सबके ख़ैर की,
करनी है बेकार।
आपस में ही आज सब,
भाॅ॑ज रहे तलवार।
आशा मन में ले यही,
बैठी सजनी द्वार।
आते ही साजन मुझे,
देंगे ढेरों प्यार।
आशा या उम्मीद से,
बने नहीं कुछ काम।
करें नहीं कुछ काम तो,
कैसे होगा नाम।
।। राजेंद्र रायपुरी।।
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