घनाक्षरी
विषय पर्यावरण
नदिया तालाब सूखे
बारिश सावन रूठे
बेचारा किसान सोचे
करूं क्या मैं आज है।
सागर सुनामी आये
जंगल अनल छाये
धरती सिहर रही
किसे दूँ आवाज़ है।
दिवस मनाने आये
सबको दिखावा भाये
पादप लगाए नहीं
चित्र का रिवाज है।
रश्मि लता मिश्रा
बिलासपुर।
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