रत्ना वर्मा

शुक्रवार /05 /06/2020


नमन अभिनन्दन वंदन प्रणाम संग 


              सभी को सुप्रभात ....आप सभी का


           दिन मंगलमय हो!!


पेश है चंद दोहे ......


 ऐसो लागत आज है,नांहि आपनो कोय ।


घर आँगन सब सुन हैं , नाहिं आपनो होय ।।


 


दम तोड़त रही सांसे, शीशा होवे चूर ।


आज की ख़बर अख़बार, देत हैं सुद मुर।।


 


जीना चाहत हैं सभी , पर कहूँ नहीं चैन ।


सवाल उठत रहा यही, सबका मन बेचैन।। 


    जय हिंद जय भारत!!


 


रत्ना वर्मा


 स्वरचित मौलिक रचना


 धनबाद- झारखंड


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...