9920796787****रवि रश्मि 'अनुभूति '
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दिगपाल छंद
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यह एक सममात्रिक छंद है । इसमें चार चरण होते हैं । हर चरण में बारह - बारह के विराम से 24 मात्राएँ होती हैं । इसके दो चरणों का तुकांत मिलना अनिवार्य है । चरणांत दो गुरु मात्राएँ हों तो शोभनीय है ।
बिटिया
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प्यारी बिटिया देखो , मन को बहलाती है ।
किलकारी भर - भर वह , सभी को लुभाती है ।
बिटिया का मुझे मिला , प्यार अमृत जैसा ।
सब दुख मिट जाते हैं , मिलता दुलार ऐसा ।
वारि - वारि जाऊँ मैं , निहाल किया इसी ने
हँसी से अपनी सुनो , दिया घर भर इसी ने
प्यारी सी यह नन्ही , बस प्यार लुटाती है
खिलखिल कर हर पल तो , दुख सदा मिटाती है ।
ठुमक - ठुमक कर चलना , मन को तो भाता है ।
मेरी लाडली यही , मुझको परचाती है ।
साया हूँ मैं इसका , यह मेरी थाती है ।
मेरे आँचल में आ , मुझे ही छकाती है ।
पायल की रुनझुन तो , मन को ही मोहे है ।
मेरा प्यार छुप गया , बार - बार टोहे है
नूर - ए - नजर है वह , आँखों का तारा है ।
इस पर तो मैंने अब , हर सुख ही वारा है ।
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(C) रवि रश्मि 'अनुभूति '
8.6.2020 , 10:26 एएम पर रचित ।
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🙏🙏समी
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