शीर्षक-पिता सुरक्षा कवच(कविता)
परिवार का सुरक्षा कवच होता है,पिता।
बच्चों की सारी अभिलाषा पूर्ण करता है,पिता।।
बाज़ार के सब खिलौनेअपने,जब साथ होता है, पिता।
वरना सारी दुनिया व राह सुनी जिनके न हो पिता।।
हर रिश्ते जिससे वो हैं, पिता।
परिवार की हर रस्म जिसके उपस्थित होने से पूरी हैं, वो हैं ,पिता।।
माता का सारा श्रृंगार जिससे वे हैं, पिता।
संतान का मित्र,निस्वार्थ हितैषी है,पिता।।
नाम-रूपा व्यास,'परमाणु नगरी',रावतभाटा, जिला-चित्तौड़गढ़(राजस्थान)
यह मेरी मौलिक रचना है।
-धन्यवाद-
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