ख्वाब,
जो आँखों मे आता है
सोने के बाद,
इसके बहुत सारे प्रकार होते हैं
जैसे मीठे ख्वाब, कडवे ख्वाब, स्वादिष्ट ख्वाब, नमकीन ख्वाब, डरावने ख्वाब, मनभावन ख्वाब, इत्यादि।
पर सभी प्रकार के ख्वाबों में एक चीज समान होती है
और वो ये की इनको सोने के बाद ही देखा जा सकता है।
पर इस ब्रह्मांड में कुछ ऐसे भी विचित्र प्राणी होते हैं
जो बिना सोए ख्वाबों की दुनिया मे चले जाते हैं
ऐसे विचित्र प्राणियों को
मूल रूप से आशिक कहा जाता है
जिनको इस दुनियां के मोह माया से कोई मतलब नहीं होता।
वैसे इनको मतलब तो और भी किसी चीज से नहीं होता।
ये प्राणी लगभग 15 से 30 साल की उम्र तक ही ज्यादातर पाए जाते हैं।
ये प्राणी धर्म, मजहब, सम्प्रदाय, और जाति का भेद न कर के
सबको एक समान ही देखते हैं।
अगर यू कहा जाए कि ये किसी को नहीं देखते तो भी अनुचित नही माना जाना चाहिए।
इन प्राणियों की खास निसानी ये है कि समाज के लोग इनको नकारा,निक्कमा,बेकार,आवारा,लोफर, समझते हैं।
इनकी एक अलग ही बिरादरी होती है।
जिसमे इनको बहुत सम्मान की नजर से देखा जाता है।
इन प्राणियों के कुछ खास गुण भी होते हैं जो इस प्रकार है।
ये बिना किसी काम के बैठे बैठे किसी की ख्वाबों में खोए आराम से दिन गुजार सकते हैं।
इनका सबसे बड़ा और एकलौता ख्वाब होता है
अपनी महबूब की आँखों, बाहों, केसों में सदा रहने की।
खैर ऐसे प्राणी भी आज के इस सोसल मीडिया के जमाने मे धीरे धीरे विलुप्त हो रहे हैं।
और उसका कारण है सोशल मीडिया,
क्योंकि हर समय लोगों को लोगों के बारे में जानने की इक्षा रहती है
जिससे लोग झूठ भी बोलने लगे हैं
और लोगों के व्योहार में तो असमान्य बदलाव आया है।
इस बदलाव से ख्वाब पर बहुत बुरा असर हुआ है
और आज कल लोग ख्वाब देखना कम और वीडियो चैट ज्यादा करने लगे हैं।
अब इस दौर में कोई ख्वाब की बात करता है तो मुझे ये याद आता है।
मोबाइलों के दौर में ख्वाब की बात करते हो सम्राट,
नशे में हो या यहाँ की आबो हवा से कोसों दूर हो।।
©️सम्राट की कविताएं
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