( *21 जून को विश्व योग दिवस को समर्पित*)
पंचइंद्रियाँ जिह्या, आंखें, कान, त्वचा औ नस्या है।
चित्तवृत्ति को साध न पाना सबसे बड़ी समस्या है।
योग वही जो मानव मन को भोग वासना मुक्त बना दे,
योग साधना ही जीवन की सबसे शुद्ध तपस्या है।
*सन्दीप मिश्र सरस*
बिसवाँ सीतापुर
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