पग रज से पावन धरा
मुरलीधर चितचोर
देवलोक फीकों लगे
बृज मोहे मनमोर
श्यामा सलोनी सूरत
सुंदर शील सुशील
श्याम संग श्री सोभित
जलधर सह नभ नील
युगलछवि मम हृदय बसे
मिले चक्षु आराम
सत्य होंय सब साधना
जग लागे सुखधाम।
युगलरूपाय नमो नमः🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐💐
सत्यप्रकाश पाण्डेय
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