सत्य शरण तुम्हारी.......
हे नटवर तेरे गुण गाऊं,
पल भर तुमको भूल न पाऊँ।
नाथ मिले जो कृपा आपकी,
अन्तर्मन से मोद मनाऊं।।
जीवन कृष्ण धरोहर तेरी,
तुम से प्रीति रहे प्रभु मेरी।
मोह व ममता करें न व्याकुल,
निर्मल मति करो तुम मेरी।।
राग द्वेष में समय गवायो,
हरि स्मरण मैं कर नहीं पायो।
तुमहि जीवन के आधार हरि,
सत्य शरण तुम्हारी आयो।।
श्रीकृष्णाय नमो नमः👏👏👏👏👏🌸🌸🌸🌸🌸
सत्यप्रकाश पाण्डेय
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