सत्यप्रकाश पाण्डेय

नाथ तुमही आधार.......


 


तुमसा कोई नहीं जगत में


करूँ मैं जिससे प्यार


तुमसे ही जीवन ये पाया


नाथ तुमही आधार


 


पीकर के मद की हाला


हुआ बावरा स्वामी


आधा जीवन सो के बीता


जानो अंतर्यामी


अन्तर्मन से याद करूँ मैं


राधे कृष्ण सरकार


तुमसे ही ये जीवन पाया


नाथ तुमही आधार


 


झूठे सांचे कर्म किये सब


उर की आग बुझाई


भौतिक सुख तो पाये मैंने


भूल गया यदुराई


संम्बंधों की परवाह नहीं


भूला जगत व्यवहार


तुमसे ही ये जीवन पाया


नाथ तुमही आधार


 


ब्रिजठकुरानी मेरे माधव


दे दो आश्रय मुझको


चरण कमल का भौरा बनके


हृदय बसाऊं तुमको


सत्य किंकर तेरे द्वार का


श्रीयुगलरूप करतार


तुमसे ही ये जीवन पाया


नाथ तुमही आधार।


 


श्री युगल चरनकमलेभ्यो नमो नमः👏👏👏👏👏🌹🌹🌹🌹🌹


 


सत्यप्रकाश पाण्डेय


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