शिवानन्द चौबे

पर्यावरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ सादर समर्पित।।


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ना छेड़ मनुज तु प्रकृति को


अस्तित्व तेरा मिट जाएगा


श्रृंगार धरा के वृक्ष है ये


जीवन संकट बढ़ जाएगा 


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सूनी सूनी बस्ती होगी


सूना सूना ये जग होगा


वीरान गली हर घर होगा


त्राहि त्राहि मच जाएगा 


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धीरे धीरे वन खत्म हूए


सब पेड़ यूं कटते जाते है


विकट परिस्थिति होगी जब


आक्सीजन रह न जाएगा


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हरी भरी धरती होगी जब


हरियाली खुशियाँ होगी


आज सभी संकल्प ले हम


एक एक पौधे को लगायेंगे


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इस पर्यावरण दिवस पे सबसे


शिवम् यही आह्वान रहे


धरती मां के अस्तित्व को हम


फिर से यूँ हरा बनायेंगे !!


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शिवानन्द चौबे ( कुमार चौबे )


भदोही उत्तर प्रदेश


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