*21 जून अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस*
*देश में आज फैली हुई है बिमारी ।*
*योग के प्रयोग से हो रही तैयारी ।।*
करे साकारा ये जीवन सुखद आकार देता है ।
निकट यदि रोग जो आयें तो उनको मार देता है ।।
करें जो नित इसे नियमित तो दावा है मेरा सबसे ।
योग के सामने हर रोग हिम्मत हार देता है ।।
विश्व में मौत का ताण्डव करे वो रोग फैला है ।
कोई बाकी नहीं है देश जो संकट ना झेला है ।।
योग का ये दिवस कोई मात्र इक उत्सव नहीं भाई ।
बचाये रोग से ये योग का साधन अकेला है ।।
भरे ऊर्जा से जो हमको वो क्षमता योग रखता है ।
हो उलझा मन रहे खुशहाल समता योग रखता है ।।
शारीरिक हो समस्या या अशान्ति फैली हो मन में ।
रखे चैतन्य तन मन ऐसी ममता योग रखता है ।।
स्वरचित.....
शिवांगी मिश्रा
लखीमपुर खीरी
उत्तर प्रदेश
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें