सुनील कुमार गुप्ता

कविता:-


       *"कभी तो..."*


"कह देते कुछ तो साथी उनको,


यूँही उदास न होते।


चाहत के रंगो को जग में,


यूँही पल-पल न खोते।।


पा लेते जीवन में उनको,


जहाँ जग में तुम होते।


खो कर गरिमा जीवन की फिर,


क्या-यहाँ पल -पल न रोते?


न पाने का दु:ख जग में फिर,


जीवन जग में सह लेते।


सहेज सपने उनके जग में,


कभी तो अपना कहते।।"


ःःःःःःःःःःःःःःःःःःः सुनील कुमार गुप्ता


sunilgupta.abliq.in


ःःःःःःःःःःःःःःःःःः 29-06-2020


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