सुषमा दीक्षित शुक्ला

,वीरों, का ले अरि से हिसाब


 


,वीरों ,का ले अरि से हिसाब।


चीनी शोणित से खेल फाग ।


 


ऐ !राष्ट्र शक्ति अब जाग जाग ।


ऐ!शक्ति पुँज अब जाग जाग ।


 


रणचण्डी तेरे खड़ी द्वार ।


दे रक्तपात करती पुकार ।


 


सीने मे उसके लगी आग ।


उठ हो सशक्त भय रहा भाग ।


 


है बैरी का करना मद मर्दन ।


ये सर्प कुचलने लायक फन ।


 


अरि शोणित से कर अभिनन्दन ।


ये मातृ भूमि का है वन्दन ।


 


कर खड्ग ग्रहण तू लगा आग ।


अब बहुत हो गया त्याग त्याग ।


 


वीरों का ले अरि से हिसाब ।


चीनी शोणित से खेल फाग ।


 


ऐ !राष्ट्र शक्ति अब जाग जाग ।


ऐ! शक्ति पुँज अब जाग जाग ।


 



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