🌷यशवंत"यश"सूर्यवंशी🌷
भिलाई दुर्ग छग
कबीर जयंती की हार्दिक बधाई
मूड़ मुड़ाए हरि मिले,सकल लेय मुड़ाय।
बार-बार के मूड़ते, भेंड़ सरग नहि जाय।।
कबीर
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🥀विश्व पर्यावरण दिवस🥀
विधा मनहरण घनाक्षरी छंद
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लोग पेंड़ काट कर,जड़ धड़ बाँटकर।
कानन विरान किये,जंगल हलाल से।।
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सुख गई हरियाली, टूट गई खुशहाली।
अलग-थलग हुए, माता-पिता लाल से।।
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खुद ही तो काट डाले,पैर में लगा के ताले।
शिकारी शिकार बने, अपने ही जाल से।।
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मानता था यमराज, तरु काट बड़ा नाज।
पेड़ यश जान बचा,चंद साँस काल से।।
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🌷यशवंत"यश"सूर्यवंशी🌷
भिलाई दुर्ग छग
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