*शिव स्तुति*
नीलकंठ महादेव, आशुतोष भोलेनाथ,
विश्वनाथ शंभु और, शिव त्रिपुरारी हो।
बाघम्बर तन सोहे, शीश चंद्र गंग धरे,
डमरू त्रिशूल हस्त, कण्ठ अहि धारी हो।
अपने उपासकों पे, कष्ट नही आने देते,
करते सभी की आप, सदा रखवारी हो।
विश्व के विधान सभी, आप से नियोजित है,
सुर कुल भूषण औ, असुर संहारी हो।
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