बारिश का मौसम
बारिश का मौसम जब आये मन गाये मल्हार
तितली सा मन उड़ता फिरता देखे स्वप्न हज़ार
कण कण में अमृत रस बरसे सरसे पेड़ पहाड़
बारिश की नन्हीं बूंदों से सृजित हुई झनकार
तप्त धरा को जीवन देती प्राणदायिनी बरसात
नदी, तालाब, कुँए सब भर गए पानी हुआ अपार
मखमली हरियाली फैली चहुँ ओर छाया उल्लास
वन उपवन सब सुघड़ लगे हैं आया सावन मास
डॉ निर्मला शर्मा
दौसा राजस्थान
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें