सविता मिश्रा
पुत्री :- श्री राम नारायण मिश्रा
जन्मतिथि :- 29 दिसम्बर 1982
शिक्षा :- परास्नातक
कार्य क्षेत्र :- शिक्षा, समाज सेवा और काव्य लेखन
मूल निवासी :- सुसुवाही, वाराणसी उत्तर प्रदेश
काव्य यात्रा :- 2 साल से
अनेक मंचों से काव्य पाठ, Facebook, whatsapp से ऑनलाइन कवि सम्मेलन,
कविता - 1
शीर्षक :- मेरी माँ
जो अपने हृदय की गहराई में अपार प्रेम रखती है,
जिसमें हर रंग साफ दिखाई देता है,
जो सुख की छांव मे अपने बच्चों को हमेशा रखती है,
जिसके चरणों में स्वर्ग होता है l l 1 l l
जो फूल, खुशबू, रंग, प्रकाश पुंज, ममता का सागर है,
जो ठंडक, प्रेम, आशीर्वाद, उपहार है l
जो भगवान से भी बढ़कर हैं,
कोई नहीं उससे बढ़कर है l l 2 l l
जो हमें बहुत प्यार, दुलार करती है,
संवारती, सजाती और समझाती है l
जिससे मेरी सुबह और शाम है,
मेरे लिए चारों धाम है l l 3 l l
जो मेरे जीवन का आधार है,
जिसके बिना नहीं मेरा कोई आधार है l
कोई और नहीं, कोई और नहीं, और नहीं,
वो तो मेरी माँ है..... मेरी माँ है... माँ है l l 4 l l
मेरे लिए पूजनीय हैं मेरी माँ,
मेरे लिए अद्वितीय है मेरी माँ l
मैं तेरी हूँ परछाई माँ,
ये बात जग में है छाई माँ ll 5 ll
तू तो मेरा जहान है माँ,
तू तो मेरे जीने का अरमान है माँ l
मेरे जीवन रूपी बगिया में दो महकते गुलाब है,
उसमे से मेरी माँ एक महकता हुआ एक गुलाब है l l 6 ll
सविता मिश्रा, कवियत्री, वाराणसी उत्तर प्रदेश l
9129578209.
कविता - 2
शीर्षक :- अपने और अपनों
ना धन का साथ चाहिए, ना ही दौलत का साथ चाहिए मुझे l
बस अपनों के हाथ का साथ ही चाहिए मुझे ll
क्योंकि अपने है तो मैं हूँ l
अपनों से ही मैं हूँ ll
अपनों से ही मेरा मोल है l
अपनों के बीच ही मेरा मोल है ll
अपने नहीं तो कुछ भी नहीं हूँ मैं l
अपने है तो सब कुछ हूँ मैं ll
अपनों से ही आधार है मेरा l
बिन अपनों के निराधार हैं मेरा ll
अपने तो है पूँजी मेरी l
बिन अपनों के नहीं हैं कोई पूँजी मेरी ll
जीना भी है अपनो के लिए मुझे l
मरना भी है अपनों के लिए मुझसे ll
यही एक जहान है मेरा l
यही एक जीने का अरमान है मेरा ll
सविता मिश्रा कवियत्री वाराणसी उत्तर प्रदेश l
9129578209.
कविता :- 3
शीर्षक :- रक्तदान.... महादान...
विषय :- रक्तदान दिवस (14 जून )
आओ मिलकर रक्त दान करें हम सभी,
लोकहित के लिए कुछ काम करे हम सभी l
रक्तदान है महादान...... महादान,
इससे मिलता है किसी को जीवन दान l
ना होती है कमजोरी और ना कोई थकावट,
इससे मिलती है हम सभी को राहत l
घर - घर संदेश है हमे पहुँचाना,
हर एक की जान है हमे बचाना l
रक्त की हर एक बूंद का है अर्थ,
इसे करे ना हम कभी भी व्यर्थ l
हर एक बूंद रक्त की है कीमती,
मिलता है किसी को पुनः जीवन कीमती l
रक्तदान से होता है जनकल्यान,
सबको दे बस हम यही ज्ञान l
सविता मिश्रा, कवियत्री, वाराणसी उत्तर प्रदेश l
9129578209.
कविता :- 4
शीर्षक :- मेरा पिता
विषय :- पितृ दिवस (21 जून )
मेरी इज्जत, मेरी साहस, मेरा स्वाभिमान है मेरा पिता ,
मेरे लिए तो मेरा भगवान है मेरा पिता l
मेरी हर एक खुशी का आधार है मेरा पिता,
मेरी जीवन रूपी बगिया का महकता एक गुलाब है मेरा पिता l
सारे जहां से न्यारा है मेरा पिता,
मेरे लिए सुपर स्टार, सुपर मैन है मेरा पिता l
मैं उसकी बेटी हूँ मेरा है भाग्य,
वो मेरा पिता है मेरा है सौभाग्य l
करती हूँ मैं शत शत वंदन,
करती हूँ मैं कोटि कोटि अभिवंदन l
सविता मिश्रा, कवियत्री, वाराणसी उत्तर प्रदेश l
9129578209.
कविता :- 5
विषय :- पर्यावरण दिवस (5 जून )
शीर्षक :- पेड़ - पौधे लगाओ
पेड़ - पौधे लगाओ, पेड़ - पौधे लगाओ l
पर्यावरण को बचाओ, पर्यावरण को बचाओ ll
पेड़ हमारे मित्र है, यह संदेश जन - जन तक पहुँचाओ l
इसकी उपयोगिता से जन- जन को जाग्रत करो ll
पेड़ों से ही स्वच्छ व शुद्ध मिलती है हवा l
इसी से ही शीतल मिलतीं है छाया ll
ताजे फल - फूल - सब्जी भी देते हैं हमे l
जङी - बूटी - औषधि से स्वास्थ भी रखते हैं हमे ll
जन्म से मृत्यु तक हमारा साथ देते हैं l
अपना सब कुछ हम पर हो न्यौछावर कर देते हैं ll
पेड़ नहीं तो धरा पर नहीं जीवन होगा l
यह बार अब हम सभी को ही समझना होगा ll
आओ हम सभी पर्यावरण को बचाने का संकल्प लें l
एक एक पेड़ लगाने का ही हम सभी विकल्प चुने ll
9129578209.
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